देश-विदेशहेल्थ

देश भर में क्यों बढ़ रहे हैं स्वाइन फ्लू के मामले, क्या हैं इसके लक्षण… किसको ज्यादा खतरा

बारिश का मौसम कई तरह की बीमारियां लेकर आता है. हालांकि अब मानसून के देश से विदा लेने का समय आ गया है. वो इस समय अपने अंतिम दौर में है. लेकिन ये मौसम कई तरह की बीमारियां लेकर आता है, जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, वायरल फ्लू, इन्फेक्शन, एलर्जी, गैस्ट्रोएंट्राइटिस, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए और ई जैसी बीमारियां. लेकिन फिलहाल देश भर में स्वाइन फ्लू या इन्फ्लूएंजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में तो पिछले एक महीने में फ्लू के मामलों में 40-60 फीसदी की बढ़ोतरी देखी जा रही है. लेकिन ये केवल बेंगलुरु का हाल नहीं है, देश भर में इसके मामले तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम की नम और ह्यूमिड परिस्थितियां स्वाइन फ्लू या इन्फ्लूएंजा के फैलने के लिए एकदम सही माहौल पैदा करती हैं. क्योंकि इस बार बारिश काफी ज्यादा हुई है तो फ्लू फैलने के आसार भी ज्यादा हैं. इससे सभी उम्र के लोग प्रभावित होते हैं. उनमें से कुछ मरीजों की स्थिति गंभीर भी हो सकती है. जिन मरीजों के केस फ्लू के कारण बिगड़ जाते हैं, उन्हें अस्पताल में एडमिट भी करना पड़ता है. कुछ मामलों में ऑक्सीजन देने की भी जरूरत पड़ती है. मामलों में बढ़ोतरी का कारण मौसमी बदलाव, इनडोर समारोहों में वृद्धि और संभावित नए वायरस स्ट्रेन को भी माना जा सकता है.

स्वाइन फ्लू, इन्फ्लूएंजा का ही एक प्रकार है. लेकिन स्वाइन फ्लू का वायरस इन्फ्लूएंजा के वायरस से अलग होता है. स्वाइन फ्लू, एक तरह का इन्फ्लूएंजा वायरस होता है, जो मूल रूप से सूअरों को संक्रमित करता है. स्वाइन फ्लू को स्वाइन इन्फ्लूएंजा या महामारी इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है. स्वाइन फ्लू वायरस, सूअरों के श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है और बाद में यह वायरस मनुष्यों में भी फैल जाता है.

किस उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर इम्युनिटी के कारण बच्चों और बुजुर्गों में इन्फ्लूएंजा होने का खतरा अधिक होता है. जुलाई महीने में जैसे ही स्कूल फिर से खुलते हैं, बच्चों के बीच ज्यादा मेलजोल वायरस के पनपने के लिए एक आदर्श वातावरण बनाता है. जिससे रेस्पिरेट्री वायरल संक्रमण, मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा में खास तौर पर वृद्धि होती है. बच्चों और बड़ी उम्र के लोगों के बीच संक्रमण दर काफी तेज होती है. हालांकि समय से मेडिकल सुविधा मिलने पर रिकवरी आमतौर पर अच्छी होती है. बुजुर्ग, खासतौर से 65 वर्ष से ऊपर के लोग, विशेष रूप से असुरक्षित हैं. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और कुछ स्वास्थ्य समस्याओं वाले व्यक्तियों में इन्फ्लूएंजा संबंधी जटिलताएं होने का खतरा अधिक होता है.

सांस की संक्रामक बीमारी है ये
WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार इन्फ्लूएंजा (फ्लू) एक सांस की संक्रामक बीमारी है जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होती है. यह हल्की से गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है. मौसमी महामारी में इन्फ्लूएंजा तेजी से फैलता है. संक्रमण आम तौर पर लगभग एक सप्ताह तक रहता है, और इसमें अचानक तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और गंभीर अस्वस्थता, गैर-उत्पादक खांसी और गले में खराश शामिल होती है. इन्फ्लूएंजा संक्रमण के गंभीर परिणामों के परिणामस्वरूप अस्पताल में भर्ती होना या मृत्यु हो सकती है.

किस तरह कम होगा जोखिम
इन्फ्लूएंजा वायरस लगातार बदल रहे हैं, और मनुष्यों और जानवरों (पक्षियों, सूअरों, घोड़ों) दोनों को संक्रमित कर सकते हैं. इन्फ्लुएंजा वायरस के कई प्रकार (अर्थात् ए, बी और सी) और उपप्रकार हैं. भारत में मौसमी इन्फ्लूएंजा और एवियन इन्फ्लूएंजा (जंगली पक्षियों, मुर्गीपालन में) दोनों के मामले व्यापक रूप से सामने आए हैं. मौसमी इन्फ्लूएंजा से सुरक्षा के लिए हर साल टीकाकरण की सिफारिश की जाती है. इन्फ्लूएंजा के लिए एंटीवायरल दवाएं जल्दी (लक्षण शुरू होने के 48 घंटों के भीतर) दी जाने से गंभीर जटिलताओं और मौतों को कम किया जा सकता है.

बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
अपने आस-पास का वातावरण साफ रखें व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें. मच्छरों से बचने के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें. कच्चे खाने से बचें, सब्जियां और फल खाने से पहले पानी से अच्छी तरह धो लें. साफ और सूखे कपड़े पहनें, रोज साबुन से नहाएं और बालों को शैम्पू से धोएं. पूरी आस्तीन वाले हल्के कपड़े पहनें. संतुलित आहार लें खूब सारा पानी पिएं.

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts